मेरा बचपन
मेरा बचपन
आज अनायास ही, मुझे मेरा बचपन फिर याद आया,
वो गालियाँ,वो आँगन,सब कुछ फिर याद आया,
वो बरगद का झूला,वो पीपल का छाओँ,
आज फिर हरे हो गये,मेरे पुराने घाव ।
वो सरसों का खेत,वो कुआँ का पानी,
वो मेरी गईया, उसके बछरे का प्यार,
आज भी भुल नही पाया,तुझे मेरे यार,
आज अनायास ही, मुझे मेरा बचपन फिर याद आया ।
माँ की वो रोटी,दादी के क़िस्से,
लड़कपन की याड़ी, टमटम की सवारी,
खेलो का झगड़ा,मेलों का रेला,
कुछ नहीं भुल पाया,कुछ भी नहीं भुल पाया,
आज अनायास ही, मुझे मेरा बचपन फिर याद आया ।
“रजनीश भारद्वाज”
👏👏👏
ReplyDeletethank you🙏
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